tag:blogger.com,1999:blog-4586136780480484719.post2124812733604920951..comments2023-05-07T20:49:40.257+05:30Comments on kathasrijan: अशोक आंद्रे ashok andreyhttp://www.blogger.com/profile/03418874958756221645noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-4586136780480484719.post-73049124892051338142014-08-18T22:38:23.981+05:302014-08-18T22:38:23.981+05:30बहुत सुन्दर और भावुक अभिव्यक्ति
जन्माष्टमी की हार...बहुत सुन्दर और भावुक अभिव्यक्ति<br /><br />जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाऐं ----<br />सादर --<br /><br />कृष्ण ने कल मुझसे सपने में बात की ------- Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4586136780480484719.post-78934611194847223122014-08-04T22:04:53.027+05:302014-08-04T22:04:53.027+05:30कुछ नया होने का अहसास करवाती रचना कुछ नया होने का अहसास करवाती रचना Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4586136780480484719.post-68165187871352219132014-08-02T06:57:41.050+05:302014-08-02T06:57:41.050+05:30प्रिय अशोक जी ,
अच्छी लगी कविता। होते हुए भी न होन...प्रिय अशोक जी ,<br />अच्छी लगी कविता। होते हुए भी न होना और न होते हुए भी होना कुछ ऐसा ही दार्शनिक अंदाज़ है आपकी कविता का, जिसने बेचैन विरही के सच्चे प्यार को ईश्वरीय अनुभूति के रंग में रंग दिया है। उसके सुकून से पाठक को भी सुकून मिलता है। <br />इन्दर सविता Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4586136780480484719.post-40460455606476908742014-08-02T02:21:01.786+05:302014-08-02T02:21:01.786+05:30आहट दो कदमों की सुनकर भी मूक , स्तब्ध हूं।
बस, सुम...आहट दो कदमों की सुनकर भी मूक , स्तब्ध हूं।<br />बस, सुमित्रानन्दन पंत की यह पंक्तियां मन में घुमड़ रही हैं; <br />"वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान।<br />निकलकर आंखों से चुपचाप,बही होगी कविता अनजान।<br />मंगल कामनाएं।<br />अनिल प्रभा कुमार<br /><br /><br /> Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4586136780480484719.post-63195020888389058782014-07-31T16:43:39.966+05:302014-07-31T16:43:39.966+05:30आदरणीय अशोक जी,
बहुत ही जीवन्त और सारगर्भित कविता ...आदरणीय अशोक जी,<br />बहुत ही जीवन्त और सारगर्भित कविता लिखी है आपने l<br />बहुत पसंद आई l<br />बहुत बधाई और सराहना के साथ,<br />सादर,<br />कुसुम Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4586136780480484719.post-69522120610460580982014-07-31T16:14:46.697+05:302014-07-31T16:14:46.697+05:30आहट दो कदमों की –कविता मेँ संयोग और वियोग का अद्भु...आहट दो कदमों की –कविता मेँ संयोग और वियोग का अद्भुत मिश्रण है। साथ ही आध्यात्मिकता का पुट है। <br />दिन तो किसी तरह निकल जाता है और शाम का विरही को इंतजार रहता है –परंतु <br /> शाम के वक्त सुनता है वह जब उन दो कदमों की आहट को ,<br />तब सांसें थम जाती है। <br />अच्छा विरोधाभास है। विचित्र मनोस्थिति का आभास एक पंक्ति ही करा जाती है। <br />अवसाद के क्षणों मेँ भी विरही उसकी महक के सम्मोहन मेँ डूबा रहता है और जब उसे प्यार भरी हवाएँ अपने आगोश मेँ ले लेती हैं तो एक अलौकिक आनंद से भर कर संतुष्ट हो उठता है कि ईश्वरीय इच्छा का विरोध तो संभव नहीं पर उसका प्यार जीवित है। <br />काव्य सौंदर्य से कविता मेँ भावनाओं का आलोड़न देखते ही बनता है और सुधि पाठक बहुत कुछ पा जाता है। <br /> इतनी सुंदर कविता पढ़ने को मिली ।इसके लिए अशोक जी को धन्यवाद । <br />सुधा भार्गव <br />सुधाकल्पhttps://www.blogger.com/profile/14287746370522569463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4586136780480484719.post-11041210382387847042014-07-30T13:19:33.816+05:302014-07-30T13:19:33.816+05:30 Danyavad bhai,
Kavita achchhi lagi
harish chandra... Danyavad bhai,<br />Kavita achchhi lagi<br />harish chandraAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4586136780480484719.post-48474861682086818202014-07-29T15:26:13.084+05:302014-07-29T15:26:13.084+05:30प्रकृति मे अलौकिक अनुभूति का सुन्दर चित्र.
...प्रकृति मे अलौकिक अनुभूति का सुन्दर चित्र.<br /><br /> बीनू भटनागर Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4586136780480484719.post-30604885179917806472014-07-29T14:59:59.411+05:302014-07-29T14:59:59.411+05:30Kavita kaa aarambh , Madhya aur ant teenon kee abh...Kavita kaa aarambh , Madhya aur ant teenon kee abhivyakti man ko <br />chhootee hai .Aapkee lekhni ko naman .PRAN SHARMAnoreply@blogger.com