Sunday, March 18, 2012

अशोक आंद्रे

दर्द


दर्द बहुत गहरा होता है -


समुद्र को नापा जा सकता है


आकाश को भी प्रकाशवर्ष से


जोड़ा जा सकता है,


लेकिन दर्द-


उसकी थाह नहीं होती है,


उसकी डूब में कोई आधार नहीं मिलता ,


इसकी गहराई विशाल होती है


ये जीवन की


जड़ों के बीच


अपना स्थाई घर बना लेती है


तभी तो मनुष्य


उसे थामने की कोशिश में


ता-उम्र


उसकी गहराई में


गोता लगाता रहता है .


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